1. ज्योतिष विद्या
जो लोग ज्योतिष विद्या पर भरोसा करते हैं वे इस बात से भली-भांति अवगत हैं कि कुंडली में कुछ ग्रहीय योग ऐसे बनते हैं जिन्हें अगर दोष कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ऐसा ही एक योग या दोष है कालसर्प योग।
2. राहु और केतु
यह योग तब बनता है जब कुंडली के ग्रह राहु और केतु के बीच आकर फंस जाते हैं, जिसकी वजह से वह पूरी तरह प्रभावहीन हो जाते हैं। इतना ही नहीं जिस भाव पर वो बैठे हैं वो भाव किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं कर पाता।
3. कालसर्प दोष
मसलन अगर यह कालसर्प दोष कुंडली के बाएं भाग पर बनता है, जो कि किसी भी जातक की कुंडली में उसके निजी जीवन से संबंधित है, तो उसका निजी जीवन (जिसमें परिवार और प्रेम शामिल हैं) की खुशियां समाप्त हो जाती हैं।
4. कालसर्प दोष
वहीं अगर यह कालसर्प दोष दाहिने भाग पर है तो भाग्य के साथ-साथ व्यवसाय और धन आगमन भी समाप्त हो जाता है। इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि अगर किसी जातक को यह पता है कि उसकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे तुरंत ही किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य की सहायता से इस दोष का निवारण करवा लेना चाहिए।
5. कालसर्प दोष निवारण
भारत में कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां कालसर्प दोष निवारण से संबंधित पूजा की जाती हैं। इस लेख के जरिए हम आपको उन्हीं दिव्य स्थानों के विषय में बताएंगे जहां अगर आप कालसर्प की पूजा करवाएंगे तो यह अवश्य ही फलदायी रहेगी, बशर्ते जिनसे आप पूजा करवा रहे हैं वे इससे संबंधित जानकारी रखते हों।